Sunday, February 06, 2011

गब्बर सिंह का जीवन चरित्र..




1.सादा जीवन,उच्च विचार: उसके जीने का ढंग बड़ा सरल था.पुराने और मैले कपड़े,बढ़ी हुई दाढ़ी,महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ोंपर खानाबदोश जीवन.जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो.जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतनासमर्पित कि ऐशो-आराम और विलासिता के लिए एक पल कीभी फुर्सत नहीं.और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने! 'जो डर गया,सो मर गया'जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था.

२.दयालु प्रवृत्ति: ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था.इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथोंको सज़ा दी.अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था.पर उसके ममतापूर्ण और करुणामयह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया.
3.नृत्य-संगीत का शौकीन: 'महबूबाओये महबूबा'गीत के समय उसके कलाकार ह्रदय का परिचय मिलता है.अन्य डाकुओं की तरह उसका ह्रदयशुष्क नहीं था.वह जीवन में नृत्य-संगीत एवंकला के महत्त्व को समझताथा.बसन्ती को पकड़ने के बाद उसके मन का नृत्यप्रेमी फिर से जागउठा था.उसने बसन्ती के अन्दर छुपी नर्तकी को एकपल में पहचान लिया था.गौरतलब यह कि कला के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने कावह कोई अवसर नहीं छोड़ता था.

4.अनुशासनप्रिय नायक: जब कालिया और उसके दोस्त अपने प्रोजेक्टसे नाकाम होकर लौटे तो उसने कतई ढीलाई नहीं बरती.अनुशासन के प्रति अपने अगाधसमर्पण को दर्शाते हुए उसने उन्हें तुरंत सज़ा दी.

5.हास्य-रस का प्रेमी: उसमें गज़ब का सेन्स ऑफ ह्यूमर था.कालिया और उसके दो दोस्तों कोमारने से पहले उसने उन तीनों को खूब हंसाया था.ताकि वो हंसते-हंसते दुनिया को अलविदा कह सकें.वह आधुनिक यु का'लाफिंग बुद्धा'था.
6.नारी के प्रति सम्मान: बसन्ती जैसी सुन्दर नारी का अपहरणकरने के बाद उसने उससे एक नृत्य का निवेदन किया.आज-कलका खलनायक होता तो शायद कुछ और करता.

7.भिक्षुक जीवन: उसने हिन्दू धर्म और महात्मा बुद्ध द्वारादिखाए गए भिक्षुक जीवन के रास्ते को अपनाया था.रामपुर और अन्य गाँवों से उसे जोभी सूखा-कच्चा अनाज मिलता था,वो उसी से अपनी गुजर-बसर करता था.सोना,चांदी,बिरयानी या चिकन मलाई टिक्का की उसने कभी इच्छा ज़ाहिर नहींकी.


8.सामाजिक कार्य: डकैती के पेशे के अलावा वो छोटे बच्चों कोसुलाने का भी काम करता था.सैकड़ों माताएं उसका नाम लेती थीं ताकि बच्चे बिना कलह किए सोजाएं.सरकार ने उसपर50,000रुपयों का इनाम घोषित कर रखा था.उस युग में'कौन बनेगा करोड़पति'ना होने के बावजूद लोगों को रातों-रातअमीर बनाने का गब्बर का यह सच्चा प्रयास था.


9.महानायकों का निर्माता: अगर गब्बर नहीं होता तो जय और व??रू जैसे लुच्चे-लफंगे छोटी-मोटी चोरियां करते हुए स्वर्ग सिधार जाते.पर यह गब्बर के व्यक्तित्व काप्रताप था कि उन लफंगों में भी महानायक बनने की क्षमता जागी.
( मेरे एक मित्र को धन्यवाद् कहिये, जिन्होंने इस विषय पर पी.एच.डी. की है....)