Wednesday, December 02, 2009

गुफ्तगू ......

गुफ्तगू ......
पात्र: राज, एक बंदा, उदयपुर से......,
      एकता, एक बंदी, दिल्ली से.....

 ( इन्टरनेट पर chatting करते हुए...)


राज: GM एकता.आज मेरा पुणे में last working day है. कल सुबह हमेशा के लिए उड़ जाऊंगा यहाँ से.bye pune .

एकता: good morning राज. so.. कहाँ जा रहे हो ?

राज: अपने देस.... अपने उदयपुर...
एकता: hmm. वहां तो तुम्हारी गर्ल फ्रेंड्स नहीं होगी न ...कैसे रहोगे उनके बिना तुम....


राज: मेरी मंगेतर है न ...
एकता: ओह ! तो finally  तुम्हे याद आ ही गया कि तुम कमिटेड हो. hmm . और तुम्हारी गर्ल फ्रेंड्स का का होगा ?? बेचारी चूड़ियाँ तोड़ रही होंगी ... ha ha ha ha...


राज: F*** यार. मैं सीरियसली उनके लिए मरने वाला हूँ. मैं चुपके चुपके यहाँ से भाग रहा हूँ.... हा हा हा.
एकता: oh my God. U R player.

राज: नहीं रे ! हम तो क्रिशन जी  कि संतान है, मस्ती मारने के लिए ही पैदा हुए है... 
एकता: क्यों भगवान् को घसीटते हो...


राज: कुमार के होते हुए कैसे मैंने क्रिशन जी को याद कर लिया. कमीनेपन का सबसे बड़ा उदहारण तो जिंदा है. मुझे माफ़करना. and sorry god..pls
एकता: hmm. पर वो तुमसे काफी अच्छा है. player नहीं है वो.... वो बस हवा में मारता है. और तुम.... तुमसे काफी अच्छी सोच है उसकी.....


राज: मेरी मंगेतर के लिए जब मैं कुमार से अच्छा हो सकता हूँ,तो तुम मुझे अच्छा कैसे कह सकती हो? तुम तो सिर्फ उसकी गर्ल फ्रेंड थी...और वो कितना अच्छा है...ये मुझे तुम्हे बताने कि ज़रूरत नहीं है एकता. u knw him very wel...
एकता: पर वो जैसा है, शायद शुरू से ही ऐसा था....और मैंने उसे ऐसे ही स्वीकार किया है... तुम मंगेतर के होते हुए भी वहां पुणे में मुह मारते फिरते हो.



राज: तुम जानती हो कि मैंने अपनी "वेर्जिनिती" अपनी मंगेतर पर ही  ब्रेक कि....और कुमार तो.....अब छोड़ो...
एकता: गुड है... मैं जानती हु...वो अपनी " वेर्जिनिती" 10th में ही ब्रेक कर चूका था...


राज: और एक बात बताऊ एकता ! मैं अभी भी अपनी मंगेटर के प्रति वफादार हु... ये मेरी गर्ल फ्रेंड्स नहीं..सिर्फ friends  है.जैसे कि तुम हो....बस इस से ज्यादा नहीं....

एकता: अच्छा है फिर तो...अगर मैंने तुम्हारे दोस्तों को बता दी ये बात...तो तुम्हारी इज्जत कम हो जाएगी...ha ha ha...


राज: ओ प्लीज, ऐसा नहीं करना.... पर कम से कम कुमार से मुझे कम्पीयर मत करो......मुझे १०० जन्म लगेंगे किसी मकान का 2nd फ्लोर चड़ने में... मैं एक stage performer हु.और  मुझे अपनी औकात पता है.


एकता: hmm. काफी कुछ जानते हो कुमार के बारे में. 


राज: उतना...जितना तुम नहीं जानती... कुमार कभी लडकियों को हर बात नहीं बताता...पर लड़के आपस में हर चीज शेयर करते है. टॉवेल भी...और अपनी girl friends कि बातें भी.....हर बात...

एकता: hmm. तुम्हे ये 2nd फ्लोर वाली बात किसने batayi ?

        

 राज: क्या करने गयी थी तुम वहा एकता...?? सच बताना ...मुझे पता है कि तुम आधी रात तक उस मकान के पास बारिश में खड़ी रही थी....एक पेड़ के निचे.....सच है न...

एकता: F*** man!! ये तो सिर्फ मैं और जिंदल ही जानते है. तुम्हे किसने बताया...?? जिंदल ने...नहीं यार...तुम लड़के लोग girls को आखिर समझते क्या हो??


राज: क्या करने गयी  थी एकता ?? उसको रंगे हाथ पकड़ने न....फिर जब वो तुम्हारे सामने उतर कर जा रहा  था, तो पकड़ा क्यों नहीं?? क्या हो गया था एकता ??

एकता: fuck राज . याद नहीं दिलाओ. मुझ में उसको पकड़ने तक कि हिम्मत नहीं बची थी उस रात....एक लड़की पर इस से ज्यादा क्या बीत सकती है कि उसका बॉय फ्रेंड किसी और के फ्लैट से चोरी छुपे खिड़की से निचे उतर रहा है...और वो बस बारिश में भीग रही है... उस रात सिर्फ आसमान से ही पानी  नहीं गिरा था राज....


राज: senti मत मारो, भूल जाओ उस किस्से को.... तुम हद भोली हो एकता. किसी भी लड़के को ये हक़ किसने दिया कि वो लडकियों से इस तरह खेले....

एकता: ओये राज. ज्यादा मत झाड़. मैं तुझे भी जानती हु... ये अच्छा है कि तू अपनी मंगेतर को लेकर  वफादार है, तो  फिर ...चल ठीक है..हल्का फुल्का टाइम पास तो चाहिए  न...हा हा हा हा 


राज: मैंने कहा न ..मैं एक कलाकार हु, इमोशन कैश करता हु.....
एकता: नेहा के इमोशन भी बखूबी केश किये थे न  तुने ......!!!!
:-)


(शेष अगली किश्त में......)